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योगी । भाग ४ (बातचीत)

योगी बातचीत
योगी बातचीत

पूरे घंटा देरी से आया था राहुलउसका इन्तेजार करते करते योगी का दिमाग खराब हो गया थाउसको गुस्सा आने लग गया थालेकिन असली गुस्सा तो तब फुटा जब राहुल ने मिलने बुलाने का कारण बताया
राहुल: इन दिनों घर में ऐसे ही बैठा हुआ थासोचा थोड़ा घुमाके आऊ इसलिए तुम्हे बुलाया
योगी: (गुस्से से) लेकिन तुमने तो काल कहा था की बहुत जरूरी बात है
राहुल: ऐसा कहा था क्या? मजाक क्या था
योगी: तुम्हे अगर सिर्फ घूमने आना था तो अकेले आते मुझे बक्रा बना कर क्यों बुलायाआने जाने में कितना भाड़ा जाता है मालूम है? जेब में पैसे है नहींमेने सोचा नाटक का कुछ काम होगाइसीलिये बुलाया होगा
राहुल: नाटक-उटक हो ही नही रहाअभी छोड़ो सब बातेमेने एक नाट्य  दल बनाने के बारे मे सोचा है
योगी: पहले और थोड़ा सिख तो लो
राहुल: नाट्य  दल भी बनाऊंगा और सिखता भी रहूंगाआज कल थोड़ा सीखो ज्यादा करो यही ट्रेंड चल रहा हैदुसरो के अंडर नाटक करके हमे मिलता ही कितना हैनिर्देशक लोग सरकार से प्रोजेक्ट निकाल लेते है और हमसे नाटक करवा लेते हैलेकिन पैसे देते कितने हैआधा से ज्यादा पैसा तो खुद खा जाते हैकलाकारों का पैसे मार मार के तो बिल्डिंगये बनाया हैमें भी बिल्डिंगये बनाओगा
योगी: मतलब तुम भी कलाकारों का पैसा मरोगे
राहुल: यही तो सिस्टम हैऐसे ही तो सब चलता हैसब एक दूसरे को मारने में लगे हैकोई मुँह मरता है तो कोई पेट में
योगी: तुम ऐसे मत चलोसिस्टम में परिवर्तन लाओ
राहुल: (सोंचने लगता है) यह कोन से नाटक का डायलॉग था?
योगी: यह डायलॉग नहीं
राहुल: चरो
राहुल असल मे बिंदास रहने वाला लड़का हैलेकिन आज उसका मूड ठीक नही हैकई दिनों से घर में बैठने के कारण उह डिप्रेस हो गया हैजो लाजमी भी हैआखिर नाटक करके मिलता भी तो कितना हैकुछ निर्देशक सही सही पैसे देते है और कुछ थोड़े देकर बहुत दिया जैसा जताते हैं
योगी और राहुल थोड़ा समय पार्क में घूमने के बात घर जाने का फैसला करता हैतब तक शा के (6) बज रहे थेपार्क में बिभिन्न लोगो के समावेश का समय थायोगी को लोगो का निरीक्षण करके अच्छा लगता हैइसीलिए योगी थोड़ा समय रहना चाहता थालेकिन राहुल के बार बार कहने पड़ योगी जाने के लिये तैय्यार हो गया
दोनो श्रधांजलि पार्क से बाहर निकलेतभी दोनो का नजर बाहर खड़ी भीड़ पड़ गिरता हैदोनों भीड़ के नजदीक जाता हैयोगी की नजर पहले एक छोटे लड़के पड़ पड़ता हैउह लड़का गिरे हु मोमो को उठाकर थाली में रख रहा हैतब योगी की नजर पांच लोगों पड़ गिरता हैवह लोग आपस मे झगड़ा कर रहे हैंयोगी चीजों को निरीक्षण करने की कोशिश में लग जाता हैंथोड़ी देर बाट योगी समझ जाता है जाग्रह का असली कारणउनमे से तीन लोगों का यहा पर पहले से मोमो का दुकान हैंलेकिन उस बच्चे के बाप ने उहा नया मोमो का दुकान देना शुरू कर दियाउसका बिक्री अच्छा होने लगा होगाइसलिए तीनो को गुस्सा आया ओर दुकान हाताने के लिए कहाउह नही माना इसीलिए यह जाग्रह हुआलेकिन समझ नही पा रहा था वह पछुवाँ आदमी कोन हैउसने आस-पास नजरे घुमाया और उसके पहनावे पर गौर किया तो समझ गया की वह चाय दुकानी हैउन तीनों मोमो दुकानी के Support में खड़ा हैताकि भविष्य में अगर उहा कोई चाय का दुकान दे तो उह तीनो मोमो दुकानी उसकी मदद के लिए आयेएसा जाग्रह तो आजकल आमबात हो गया हैवह दुकानी अगर उसको दुकान देने दिया तो उनलोगों का ग्राहक मारा जाएगाअगर दुकान देने नही दिया तो उस दुकानी के परिवार को भूखा सोना पड़ेगाइसलिए वह आदमी भी अपन छाती पिट पिट कर दुकान नही छोडूंगा बोल रहा हैएक बड़ी बहस चल रहा थातो ऐसे में समाज के लोग कैसे पीछे रह सकते थेवह लोग भी जाग्रह का लुप्त लेने के लिए आगे आयेअपनी अपनी जगह बना लियाएक लड़के ने तो facebook live करना शुरू कर दियाएक आदमी मुँह में खैनी रख कर जाग्रह का मजा लेने लगा तो कुछ लोगो मुँह मे गुटखा लेकर मजा लेने लगे बढ़ते हुए लोगो को देख कर उस बाप के अंदर हिम्मत और ज्यादा बढ़ गया वह लोगो के सामने मदद के लिए गयासारा कहानी बोलने लगाकहानी वही था जो योगी ने सोचा था बस उसमे थोड़ा मख्खन लगा दियावह तो आदमी का स्यभाव ही हैबिना मख्खन से खाने का स्वाद फीका लगता हैंलोग भी उसके बातों को सुनकर अपना सिर हिलाने लगता हैथोड़ी देर बाट पुलिस कि गाड़ी आयी तो सब एक झटके में अपने अपने दुकान चले गएजो लोग जाग्रह का मजा ले रहे था वह लोग भी अपने तरीके से निकल गएकोई छाती फुलाई निकल गया जैसे कि वह बताने की कोशिश कर रहा है की वह पुलिस आने के वजह से उहा से नही निकलाउसका कुछ काम है इसलिए वह निकल रहा हैऐसे ही सभी लोग निकल लिएलेकिन इस बीच राहुल कहा थायोगी ने राहुल को देखा राहुल गुटखा चबा कर एक आदमी से कुछ जरूरी बातें कर रहा हैवह आदमी भी बारे सफाई से चीजो को बता रहा हैयोगी समझ गया की राहुल अभी CBI ऑफिसर बन गया हैउसे अभी जाग्रह के तह तक जाना हैयोगी कोने में बैठ जाता हैथोड़ी देर बात राहुल आता है
योगी: तो बोलो CBI बाबू क्या पता लगाया
योगी और राहुल अभिनेता हैलोगो को निरक्षण करना, चीजो को समझने की काबिलियत उनमे अच्छी खासी हैतो उसी हिसाब से जवाब दिया
राहुल: तुमने जो सोचा पहले मेने भी वही सोचा थाजाग्रह का असली कारण भी वही हैउस दुकानी का बिक्री अच्छा हो रहा थालेकिन उसमें भी एक बात है की दुकानी अपना बिक्री बढ़ाने के लिए अपने बच्चे का इस्तेमाल कर रहा थालेकिन मजे की बात यह है की वह बच्चा लोगो को अपने दुकान में आने के लिए कहता थाऔर ऊपर से उसका बाप दुकान मे खुद ना बैठकर उसके बच्चे को बिठाता था
योगी: बच्चा स्कूल जाता है की नहीं?
राहुल: वह जानकर तुम क्या करोंगे?
योगी: अगर बच्चा स्कूल जाता है, अच्छे से पड़ता हैतो शाम के समय थोड़ा दुकान में बैठने से कुछ नुकसान तो नही हैऊपर से वह लोग गरीब भी हैपैसे कमाने का उपाय भी तो नही है
राहुल: बच्चा स्कूल जाता की नही वह मेने नही पूछालेकिन असली बात यह है की वह आदमी दुकान कि बिक्रि बढ़ाने के लिए अपने बच्चे का इसत्तेमाल कर रहा है
योगी: हा असली बात तो उही हैजब कुछ उपाय ना हो तभी आदमी मजबूर हो जाता है
राहुल: इसीलिए में भी मजबुर हो कर नाट्य दल बनाऊंगाऔर सरकारी प्रोजेक्ट लूंगा
योगी: इसके लिए कॉन्टेक्ट भी चाहिएकोई है जान पहचान वाला?
राहुल: नदी में जाल फेकने से ना मसली फसेंगेपहले जाल तो बनालू
योगी: बाह रे समयनाटक को प्यार करने वाले के लिए आज नाटक एक जाल का रूप ले लिया
राहुल: जब इंसान के कंधों में जिम्दारियों को बोझ गिरता है ना तब इंसान पकड़ने के लिए सहारा ढूंढने लगता हैताकि वह उसके सहारे खड़ा रह सके
योगी: अगर वह सहारा दुसरो का सहारा छीने लगे तो
राहुल: अगर वह बाप यह सोच कर काल से यहा दुकान देना बंद कर दे तो उसके बेटे को भूखा सोना पड़ेगाअगर दुकान दिया तो कल फिर कोई दूसरा दुकान देने जायेगायहाँ नौकरी कम बेरोज़गारी ज्यादा हैंऐसे ही चला तो ग्राहक बांट जाएगाग्राहक बता तो पैसे भी बाटेंगे और मुनाफा कम होगा
योगी: एसा नही की उसका बाप दुसरी जगाह दुकान नही दे सकतालेकिन यहा देने से उसको मुनाफा ज्यादा होगाऔर तीन चार मोमो दुकान से कुछ फर्क नही गिरेगा क्योकि यहा ग्राहक बहुत ज्यादा हैसब मिल कर रहने से सबका फायदा होगा
राहुल: उस सोच से दुनिया नही चल रहा है आदमी सिर्फ अपना फायदा देखता  है चोरो अभी उह बातेंमेरी बॉस गयी हैमें अभी निकलता हूँचलो बाट में मिलते हैं
यह कह कर राहुल निकल गयायोगी भी रास्ता पार होकर दूसरी तरफ जाने के लिये उठातभी उसकी नजर उस बच्चे पर गिराउह बच्चा अपने पिताजी के साथ खड़ा हैउसका पिताजी लोगो को मोमो परोस रहा हैदूसरे दुकानी भी अपने अपने ग्राहकों का ध्यान रख रहा हैपहले यहाँ एक दुकान था अब चार हैकाल शायद और ज्यादा होगाफिर आज तीन मोमो दुकानी ने जाग्रह क्या काल इनकी संख्या चार होगाऐसे ही चलता रहेगाजो लड़ लिया वह रहेगा जो छोड़ दिया उसे कही और जाना होगासिस्टम सही रहा तो सब सही से होता है जैसे ही सिस्टम बिगड़ता है सब बिगड़ने लगता है



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।। कहानी पढ़ने के लिये आपका बहुत बहुत धन्यवाद ।।