योगी बातचीत |
पूरे २ घंटा देरी से आया था राहुल। उसका इन्तेजार करते करते योगी का दिमाग खराब हो गया था। उसको गुस्सा आने लग गया था। लेकिन असली गुस्सा तो तब फुटा जब राहुल ने मिलने बुलाने का कारण बताया।
राहुल: इन दिनों घर में ऐसे ही बैठा हुआ था। सोचा थोड़ा घुमाके आऊ इसलिए तुम्हे बुलाया।
योगी:
(गुस्से से) लेकिन तुमने तो काल कहा था की बहुत जरूरी बात है।
राहुल: ऐसा कहा था क्या? मजाक क्या था।
योगी: तुम्हे अगर सिर्फ घूमने आना था तो अकेले आते मुझे बक्रा बना कर क्यों बुलाया। आने जाने में कितना भाड़ा जाता है मालूम है? जेब में पैसे है नहीं। मेने सोचा नाटक का कुछ काम होगा। इसीलिये बुलाया होगा।
राहुल: नाटक-उटक हो ही नही रहा। अभी छोड़ो वह सब बाते। मेने एक नाट्य दल बनाने के बारे मे सोचा है।
योगी: पहले और थोड़ा सिख तो लो।
राहुल: नाट्य दल भी बनाऊंगा और सिखता भी रहूंगा। आज कल थोड़ा सीखो ज्यादा करो यही ट्रेंड चल रहा है। दुसरो के अंडर नाटक करके हमे मिलता ही कितना है। निर्देशक लोग सरकार से प्रोजेक्ट निकाल लेते है और हमसे नाटक करवा लेते है। लेकिन पैसे देते कितने है। आधा से ज्यादा पैसा तो खुद खा जाते है। कलाकारों का पैसे मार मार के तो बिल्डिंगये बनाया है। में भी बिल्डिंगये बनाओगा।
योगी: मतलब तुम भी कलाकारों का पैसा मरोगे।
राहुल: यही तो सिस्टम है। ऐसे ही तो सब चलता है। सब एक दूसरे को मारने में लगे है। कोई मुँह मरता है तो कोई पेट में।
योगी: तुम ऐसे मत चलो। सिस्टम में परिवर्तन लाओ।
राहुल:
(सोंचने लगता है) यह कोन से नाटक का डायलॉग था?
योगी: यह डायलॉग नहीं।
राहुल: चरो।
राहुल असल मे बिंदास रहने वाला लड़का है। लेकिन आज उसका मूड ठीक नही है। कई दिनों से घर में बैठने के कारण उह डिप्रेस हो गया है। जो लाजमी भी है। आखिर नाटक करके मिलता भी तो कितना है। कुछ निर्देशक सही सही पैसे देते है और कुछ थोड़े देकर बहुत दिया जैसा जताते हैं।
योगी और राहुल थोड़ा समय पार्क में घूमने के बात घर जाने का फैसला करता है। तब तक शाम के ६ (6) बज रहे थे। पार्क में बिभिन्न लोगो के समावेश का समय था। योगी को लोगो का निरीक्षण करके अच्छा लगता है। इसीलिए योगी थोड़ा समय रहना चाहता था। लेकिन राहुल के बार बार कहने पड़ योगी जाने के लिये तैय्यार हो गया।
दोनो श्रधांजलि पार्क से बाहर निकले। तभी दोनो का नजर बाहर खड़ी भीड़ पड़ गिरता है। दोनों भीड़ के नजदीक जाता है। योगी की नजर पहले एक छोटे लड़के पड़ पड़ता है। उह लड़का गिरे हुए मोमो को उठाकर थाली में रख रहा है। तब योगी की नजर पांच लोगों पड़ गिरता है। वह लोग आपस मे झगड़ा कर रहे हैं। योगी चीजों को निरीक्षण करने की कोशिश में लग जाता हैं। थोड़ी देर बाट योगी समझ जाता है जाग्रह का असली कारण। उनमे से तीन लोगों का यहा पर पहले से मोमो का दुकान हैं। लेकिन उस बच्चे के बाप ने उहा नया मोमो का दुकान देना शुरू कर दिया। उसका बिक्री अच्छा होने लगा होगा। इसलिए तीनो को गुस्सा आया ओर दुकान हाताने के लिए कहा। उह नही माना इसीलिए यह जाग्रह हुआ। लेकिन समझ नही पा रहा था वह पछुवाँ आदमी कोन है। उसने आस-पास नजरे घुमाया और उसके पहनावे पर गौर किया तो समझ गया की वह चाय दुकानी है। उन तीनों मोमो दुकानी के Support
में खड़ा है। ताकि भविष्य में अगर उहा कोई चाय का दुकान दे तो उह तीनो मोमो दुकानी उसकी मदद के लिए आये। एसा जाग्रह तो आजकल आमबात हो गया है। वह ३ दुकानी अगर उसको दुकान देने दिया तो उनलोगों का ग्राहक मारा जाएगा। अगर दुकान देने नही दिया तो उस दुकानी के परिवार को भूखा सोना पड़ेगा। इसलिए वह आदमी भी अपना छाती पिट पिट कर दुकान नही छोडूंगा बोल रहा है। एक बड़ी बहस चल रहा था। तो ऐसे में समाज के लोग कैसे पीछे रह सकते थे। वह लोग भी जाग्रह का लुप्त लेने के लिए आगे आये। अपनी अपनी जगह बना लिया। एक लड़के ने तो facebook
live करना शुरू कर दिया। एक आदमी मुँह में खैनी रख कर जाग्रह का मजा लेने लगा। तो कुछ लोगो मुँह मे गुटखा लेकर मजा लेने लगे। बढ़ते हुए लोगो को देख कर उस बाप के अंदर हिम्मत और ज्यादा बढ़ गया। वह लोगो के सामने मदद के लिए गया। सारा कहानी बोलने लगा। कहानी वही था जो योगी ने सोचा था बस उसमे थोड़ा मख्खन लगा दिया। वह तो आदमी का स्यभाव ही है। बिना मख्खन से खाने का स्वाद फीका लगता हैं। लोग भी उसके बातों को सुनकर अपना सिर हिलाने लगता है। थोड़ी देर बाट पुलिस कि गाड़ी आयी तो सब एक झटके में अपने अपने दुकान चले गए। जो लोग जाग्रह का मजा ले रहे था वह लोग भी अपने तरीके से निकल गए। कोई छाती फुलाई निकल गया जैसे कि वह बताने की कोशिश कर रहा है की वह पुलिस आने के वजह से उहा से नही निकला। उसका कुछ काम है इसलिए वह निकल रहा है। ऐसे ही सभी लोग निकल लिए। लेकिन इस बीच राहुल कहा था। योगी ने राहुल को देखा राहुल गुटखा चबा कर एक आदमी से कुछ जरूरी बातें कर रहा है। वह आदमी भी बारे सफाई से चीजो को बता रहा है। योगी समझ गया की राहुल अभी CBI
ऑफिसर बन गया है। उसे अभी जाग्रह के तह तक जाना है। योगी कोने में बैठ जाता है। थोड़ी देर बात राहुल आता है।
योगी: तो बोलो CBI
बाबू क्या पता लगाया।
योगी और राहुल अभिनेता है। लोगो को निरक्षण करना, चीजो को समझने की काबिलियत उनमे अच्छी खासी है। तो उसी हिसाब से जवाब दिया।
राहुल: तुमने जो सोचा पहले मेने भी वही सोचा था। जाग्रह का असली कारण भी वही है। उस दुकानी का बिक्री अच्छा हो रहा था। लेकिन उसमें भी एक बात है की दुकानी अपना बिक्री बढ़ाने के लिए अपने बच्चे का इस्तेमाल कर रहा था। लेकिन मजे की बात यह है की वह बच्चा लोगो को अपने दुकान में आने के लिए कहता था। और ऊपर से उसका बाप दुकान मे खुद ना बैठकर उसके बच्चे को बिठाता था।
योगी: बच्चा स्कूल जाता है की नहीं?
राहुल: वह जानकर तुम क्या करोंगे?
योगी: अगर बच्चा स्कूल जाता है, अच्छे से पड़ता है। तो शाम के समय थोड़ा दुकान में बैठने से कुछ नुकसान तो नही है। ऊपर से वह लोग गरीब भी है। पैसे कमाने का उपाय भी तो नही है।
राहुल: बच्चा स्कूल जाता की नही वह मेने नही पूछा। लेकिन असली बात यह है की वह आदमी दुकान कि बिक्रि बढ़ाने के लिए अपने बच्चे का इसत्तेमाल कर रहा है।
योगी: हा असली बात तो उही है। जब कुछ उपाय ना हो तभी आदमी मजबूर हो जाता है।
राहुल: इसीलिए में भी मजबुर हो कर नाट्य दल बनाऊंगा ।
और सरकारी प्रोजेक्ट लूंगा।
योगी: इसके लिए कॉन्टेक्ट भी चाहिए। कोई है जान पहचान वाला?
राहुल: नदी में जाल फेकने से ना मसली फसेंगे। पहले जाल तो बनालू।
योगी: बाह रे समय। नाटक को प्यार करने वाले के लिए आज नाटक एक जाल का रूप ले लिया।
राहुल: जब इंसान के कंधों में जिम्दारियों को बोझ गिरता है ना तब इंसान पकड़ने के लिए सहारा ढूंढने लगता है। ताकि वह उसके सहारे खड़ा रह सके।
योगी: अगर वह सहारा दुसरो का सहारा छीने लगे तो।
राहुल: अगर वह बाप यह सोच कर काल से यहा दुकान देना बंद कर दे तो उसके बेटे को भूखा सोना पड़ेगा। अगर दुकान दिया तो कल फिर कोई दूसरा दुकान देने आ जायेगा। यहाँ नौकरी कम बेरोज़गारी ज्यादा हैं। ऐसे ही चला तो ग्राहक बांट जाएगा। ग्राहक बता तो पैसे भी बाटेंगे और मुनाफा कम होगा।
योगी: एसा नही की उसका बाप दुसरी जगाह दुकान नही दे सकता। लेकिन यहा देने से उसको मुनाफा ज्यादा होगा। और तीन चार मोमो दुकान से कुछ फर्क नही गिरेगा क्योकि यहा ग्राहक बहुत ज्यादा है। सब मिल कर रहने से सबका फायदा होगा।
राहुल: उस सोच से दुनिया नही चल रहा है। आदमी सिर्फ अपना फायदा देखता
है। चोरो अभी उह बातें। मेरी बॉस आ गयी है। में अभी निकलता हूँ। चलो बाट में मिलते हैं।
यह कह कर राहुल निकल गया। योगी भी रास्ता पार होकर दूसरी तरफ जाने के लिये उठा। तभी उसकी नजर उस बच्चे पर गिरा। उह बच्चा अपने पिताजी के साथ खड़ा है। उसका पिताजी लोगो को मोमो परोस रहा है। दूसरे दुकानी भी अपने अपने ग्राहकों का ध्यान रख रहा है। पहले यहाँ एक दुकान था अब चार है। काल शायद और ज्यादा होगा। फिर आज तीन मोमो दुकानी ने जाग्रह क्या काल इनकी संख्या चार होगा। ऐसे ही चलता रहेगा। जो लड़ लिया वह रहेगा जो छोड़ दिया उसे कही और जाना होगा। सिस्टम सही रहा तो सब सही से होता है जैसे ही सिस्टम बिगड़ता है सब बिगड़ने लगता है।
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।। कहानी पढ़ने के लिये आपका बहुत बहुत धन्यवाद ।।