...इधर नयन और विजय पुनीत को हर तरफ खोजता हैं, लेकिन पुनीत कही दिखाई नही देता। तब नयन यह सोच घबरा जाता हैं कि कही पुनीत मर तो नहीं गया। वह दौड़ते हुए पहले वाले जगह में जाता हैं। विजय भी उसके पीछे पीछे दौड़ता हैं। वहां पहुंचकर नयन की आँखों पर विश्वास नही होता। नयन पुनीत के लाश को जीनु के लाश के सामने पड़ा हुआ देखता हैं। वह बेबश हो कर गिर जाता हैं। विजय भी पहुँच जाता हैं। विजय के आँखों से आँसू निकलने लगता हैं। नयन भी उदास हो कर उन लोगों के तरफ देखता रहता हैं। लेकिन तभी नयन को कुछ अजीब लगता हैं। वह जीनु और पुनीत जिस पेड़ के नीचे पड़े हुए थे, उसे और उसके टहनी को गौर से देखने लगा। उसके आँखें फटी की फटी रह जाता हैं। नयन को अपने आँखों पर विश्वास नहीं होता। उसे समझ नहीं आता यह कैसे हो सकता हैं। लेकिन तभी विजय पिस्तौल लेकर उसके पीछे खड़ा हो जाता हैं। पिस्तौल load करने का आवाज सुनकर नयन पीछे की तरफ मुड़ता हैं। नयन चौक जाता हैं। उसको चौकते देख विजय मुस्कुराने लगता हैं, जोड़ जोड़ से हँसने लगता हैं। विजय समझ जाता हैं कि नयन अभी तक कुछ नही समझा। विजय नयन के सामने आ कर कहता हैं, "अभी तक नही समझे? वह आदमी कोई भूत नही बल्कि मेरा आदमी हैं। एक Professional Killer हैं वह। उसे मैंने पैसे दिए थे। इन लोगों को खत्म करने के लिए।" विजय की यह बातें सुनकर नयन हैरान हो जाता हैं। एक दोस्त को दुश्मन बनते देख नयन हैरान हो जाता हैं। वह इसका कारण जानना चाहता था। तब विजय ने कहा, "एक ब्रिज बनाने का Contract आया था। वह Contract सिर्फ मुझे मिले इसके लिए मैंने जीनु और उसके बाप को ठूस ठूस कर पैसे खिलाई थे और वह Contract मुझे मिल भी गया था। मैंने काम शुरू भी कर दिया था। मेरे बहुत पैसे चले गए। लेकिन बाद मैं मुझे मालूम चला जीनु का बाप वह Contract पुनीत को देने वाला हैं। मेरा दिमाग काम करना बंद कर दिया। तभी मुझे इसका कारण मालूम चल गया। पुनीत और जीनु मिलकर Construction की Company खोलने का Plan बना रहा था। उन लोगों ने मैरे से यह बात छुपाई थी। ताकि मैं कोई Problem Create ना कर सकू। लेकिन मैं भी कोई कच्चा खिलाड़ी नही हूं। मैंने चारों तरफ अपने आदमी रखे हुए हैं। जीनु और पुनीत मैरे से मेरा काम छीनना चाहते थे, मैंने उनसे उनकी जिंदगी चीन ली।" यह कहकर विजय जोड़ जोड़ से हँसने लगता हैं। उसे हस्ते हुए देख नयन को विजय के ऊपर बहुत गुच्छा आता हैं। वह समझ नही पाता एक आदमी कैसे इतना बुरा हो सकता हैं। वह विजय को कोसने लगता और पूछता हैं कि उसको इन सब में क्यों शामिल किया। जवाब सुनकर नयन को अपने कानों पर विश्वास नहीं होता। विजय ने कहा, "क्योंकि जीनु और पुनीत को मैंने नही तुमने मारा हैं। जीनु और पुनीत तुम्हे चिड़ाते रहते थे इसका बदला लेने के लिए तुमने यह plan बनाया। तुम मुझे भी मरना चाहते थे लेकिन तभी हम दोनों के बीच हाथापाई हुई और तुम मारे गए। समझ मैं आया? उसका बाप मैरे ऊपर शक नही करेगा। तुम बहुत भोले हो नयन। कोई भूत पिचाश, भगवान शेतान नही हैं। यह एक भ्रम हैं। यह सब उस Killer का Plan था। इस साधारण रात को खौफ
की रात बनाने का प्लान उसका था। में तो बस मझे ले रहा था। चलो अब वक्त आ गया। तुम्हारे जैसे आदमी की इस दुनिया मैं कोई जरूरत नहीं। आज तुम्हे तुम्हारे कमजोर भगवान के पास भेज दूंगा। चिंता मत करो, तुम्हारे बूढ़ी वीमार माँ को में कुछ पैसे दे दूंगा। ताकि वह अपने बसी हुई जिंदगी आराम से भगवान के मूर्ति के सामने रो रो कर बिता सके।" विजय यह कह कर हँसने लगता हैं। विजय को हँसता हुआ देख नयन के आंखों आशु निकल आते हैं। विजय अच्छा इंसान नही है यह तो उसे मालूम था लेकिन इतना बुरा इंसान हैं यह उसे मालूम नही था। वह जान गया की उसका दोस्त ही दुश्मन था। अपने गरीबी और माँ के बीमारी के कारण वह विजय के साथ दोस्ती बनाये हुए था। लेकिन कभी भी विजय के गलत कामो में उसका साथ नही दिया। वह समझ गया की विजय क्यों उसे अपने साथ लाना चाहता था। लेकिन यह समझ नही पाया कि यह आम का पेड़, मौत के समय जीनु की बातें और सबसे हैरान करने वाली बात, आम के पेड़ में पड़ा हुआ यह इंसान।
विजय ने नयन की तरफ पिस्तौल उठाया तभी नयन को विजय के पीछे वह मौत का रखवाला आता हुआ दिखा। उस को देखकर नयन धीरे धीरे सब समझ गया। विजय Trigger दबाने ही बाला था कि तभी उसे एक आहट सुनाई दिया। उसने पीछे मुड़कर देखा। उस आदमी को देखकर विजय मुस्कुराने लगा। उसका तारीफ करने लगा। नयन के ऊपर हँसने लगा। नयन के नजदीक आ कर कहने लगा, "देख तुम्हारा भूत को। अभी यह भूत हवा में उड़कर दिखाएगा। नयन इस भूत को तुम्हारे... तुम कौनसी मूर्ति की पूजा करते हो। जो भी हो तुम्हारे उस भगवान ने इस Killer को तुम्हे मारने के लिए भेजा हैं। भगवान का फैसला हैं तुम्हे मानना होगा। जाओं खुद से मर जाओ।" यह कहकर विजय नयन का मजाक उड़ाने लगा। लेकिन नयन को बिल्कुल भी खराब नही लगा। क्योंकि उसे मालूम था कि विजय भ्रम में जी रहा हैं। नयन ने उस मौत के रखवाले की तरफ देखा, जो चुपचाप सब देख रहा था। उस मौत के रखवाले ने भी नयन की तरफ देखा और हल्का सा मुस्कुराया। लेकिन उस मुस्कुराहट में ख़ौफ छुपा हुआ, एक डर छुपा हुआ। वह समझ गया कि मौत आने वाली हैं। मौत से बचने का कोई उपाई नही हैं। तब नयन ने विजय के तरफ देखकर कहा, "तुम गलत हो विजय। तुम भ्रम में हो। तुम्हारा Killer मर छुका हैं। हमारे सामने जो खड़ा हैं यह कोई साधारण इंसान नही हैं। यह एक मौत हैं। जो हमे अपने साथ लेने आया हैं।" नयन की बाते सुनकर विजय जोड़ जोड़ से हँसने लगा। कहने लगा, "अजीब आदमी हो। सब देखकर भी अंधे बन रहे हो। आब्बे गांडू, यह आदमी एक Professional Killer हैं। कोई भूत या मौत नहीं। भूत पिशाच तो तब आएगा जब होगा।" कोई भूत पिशाच नही हैं। विजय की बातें सुनकर नयन उस पेड़ के सामने खड़ा होकर टहनी की तरफ देखने लगा।
नयन को इसे देखकर विजय भी हैरान हुआ और पेड़ के सामने खड़ा होकर टहनी को देखने लगा। टहनी को देख विजय खौफ में गया। क्योंकि टहनी के ऊपर उस Killer का लाश पड़ा हुआ था। विजय को अपने आखो पर विश्वास नही हुआ। उसने कई बार उस टहनी के तरफ देखा लेकिन हर बार उसे उस Killer का लाश ही दिखा। वह नयन को बोलने लगा, "यह कैसे हो सकता हैं। यह अंसभव हैं।" यह कहकर विजय उस मौत के सिपाही की तरफ देखता हैं। जो मुस्कुरा रहा था। उसके मुस्कुराहट को देख विजय और ज्यादा घबड़ा जाता हैं। विजय उस मौत के सिपाही के तरफ पिस्तौल तनता हैं। और गोली चलता हैं लेकिन बंदूक की गोली हवा में ही रुक जाता हैं। वह मौत का सिपाही धीरे धीरे उन दोनों के सामने आता हैं। विजय उसके आखों में देखता रहता हैं। उसे उस Killer के साथ क्या हुआ था सब दिखाई देता हैं।
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