Momo का
दुकान Short Story in Hindi
शाम का समय था और हमारे नगेन बाहर थोड़ा घूमने निकला। ऐसे में
उसे Foot
Path के ऊपर Momo
का दुकान दिखा। कई सारे लोग उस momo
के दुकान में मजे से momo खा रहे थे। मतलब momo बहुत testy था तो नगेन को भी खाने का मन गया। लेकिन नगेन के जेब में था
सिर्फ 10 रुपये और उसे momo का दाम मालूम नहीं था। इसलिए उसने अंदाज़ा लगाया। साधारण रूप
में momo
रिस्का में momo का दाम 30 रुपये होता है और अच्छे momo दुकान या गाड़ी में 50 रुपये लेकिन फुट पाठ के दुकान में ज्यादा से ज्यादा 20 रुपये ही होगा तब half प्लेट momo खरीद लूंगा। लेकिन momo का कीमत 20 रुपये ही होगा इसका कोई surety नही था। उसने सोचा भी की momo दुकानी को momo का दाम पूछ लू लेकिन सबके सामने direct
दाम पूछना ठीक नही होगा। क्यों की अगर दाम ज्यादा हुवा और उसने
Momo नहीं ख़रीदा तो सबके सामने बेज्जती हो जायेगा। लोगो को बात करने
का टॉपिक मिल जायेगा। इसलिए उसे एक तरकीब सूझा। वह momo
दुकान में गया और पूछा, "भईया, यह पानी पीने लायक है ना?"
दुकानी: हाँ पीजिये। पूरा साफ पानी है।
नगेन ने पानी पिया और momo की तरफ नजरे डाला। उसने इस तरीके से momo
के ऊपर नजरे डाला कि जैसे उसे momo
खाना पसंद नहीं लेकिन दुकानी ने momo
बहुत अच्छी तरीके से बनाया है। इस expression
के साथ उसने पूछा, "दिखने में तो momo बहुत testy लग रहा है। एक प्लेट का कितना लेते हैं।"
दुकानी: Only 50 रुपये।
नगेन ने सोचा अच्छा हुआ पूछते समय उसने पानी मुँह में नहीं दिया
नहीं तो नाक से निकल जाता। उसने अपने जज़बातों पर काबू करते हुए कहा,
"Ohh! किसी दिन खाना होगा।
अभी खाने के लिए समय नहीं है।" यह कहते हुए नगेन वहां से निकला। वह मन ही मन सोच
रहा था क्या जमाना आ गया है। एक समय था जब 10 रुपये में momo खाता था अब 50 रुपये हो गए है। लेकिन में वही 10
रुपए वाला ही आदमी हूँ। अब इस समाज मे इस 10
रुपये का कोई Value नहीं लेकिन तभी उसका नजर एक चाय के दुकान में पड़ा जहा टेकली
पीठा रखा हुआ था। उसने सोचा 10 रुपये का value शायद अभी भी कही न कही है इसलिये तो इस 10
रुपये में एक cup चाय और असम का टेकली पीठा मिलता हैं। यह सोचते हुए वह मुस्कुराते
हुए चाय के दुकान में गया।
॥ समाप्त ॥