Chicken leg piece मुझे चाहिए | Funny Short Story
"Chicken
leg piece मुझे चाहिए।"
राजू की यह बात सुनकर कमल का दिमाग खराब हो गया। दरअसल आज से
college
में छुट्टियां शुरू हो चुका था,
तो hostel के लगभग सभी लोग घर जा चुके थे। लेकिन राजू,
कमल और अजय कल घर को निकलने वाले थे,
इसलिए तीनों ने सोचा कि रात को Chicken
लाकर खायेंगे। जैसा सोचा था वेसा ही हुआ। राजू ने half
kilo Chicken लाया और कमल ने बढ़िया
से उसे बनाया। कमल ने सोचा था कि उसने बड़ी मेहनत से Chicken
carry बनाया है इसलिए Chicken
leg piece वह खायेगा।
खाना होने के बाद तीनों खाने को बैठे और कमल ने सब कों बराबर
meet
देते हुए Chicken leg piece अपनी थाली में रख दिया कि तभी राजू बोल पड़ा,
"Chicken leg piece मुझे
चाहिए।" यह सुनते ही कमल का दिमाग खराब हो गया। यह तो स्वाभाविक था। अब आप खुद
ही सोचकर देखिए, अपने
बड़ी मेहनत से कोई काम किया यह सोचकर कि आपको इनाम दिया जाएगा। लेकिन इनाम के बदले अगर
आपको गधे का पूछ पकड़कर दौड़ने दे तो आपको कैसा लगेगा। कमल को भी वैसा ही लगा और बोला,"half
kilo Chicken में एक ही leg
piece होता है।"
राजू: हाँ! और वह leg piece मुझे चाहिए।
कमल: तो मैं क्या खाऊंगा?
राजू: तुम Chicken खाओ।
कमल: Chicken मैंने बनाया इसलिए leg piece मैं खाऊंगा।
राजू: नहीं, Chicken मैंने लाया इसलिए leg piece मैं खाऊंगा।
कमल: मैं नहीं होता तो Chicken बना ही नही पाते।
राजू: मैं नहीं होता तो Chicken ला ही नही पाते।
कमल समझ गया अब ज्यादा लड़कर कोई फायदा नहीं। इसलिए ना चाहते
हुए भी leg
piece का दो टुकड़ा करने का फ़ेसला किया
लेकिन तभी कमल के कानों में अजय की आवाज सुनाई दी।
अजय: मुझे भी चाहिए।
कमल चोक पड़ा और बोला: क्या?
अजय: मुझे भी चाहिए।
कमल: क्या चाहिए।
अजय: leg piece।
कमल: क्या नौटंकी है...
कमल अब गुस्से में आया। वह बोला, “राजू ने Chicken
लाया और मैंने Chicken बनाया इसलिए leg piece का दो टुकड़ा कर रहा हूँ। लेकिन तूने क्या किया जो तुझे leg
piece दे दु?”
अजय: माचिस...
कमल: क्या?
अजय: माचिस मैंने दिया। माचिस नहीं देता तो आग कैसे जलाते। अगर
आग नही जलता तो Chicken कैसे बनाते।
राजू: पहले बोला होता तो एक के जगह तीन leg
piece लाता।
अजय: एक Chicken मैं दो leg piece होता है। तीसरा क्या तू अपना काट के देता।
राजू: हाँ अपना ही काट के देता और उसे तू चाट के खाता।
दोनों में बहस हो रहा था और कमल सर पकड़ कर बैठा हुआ था। वह सोचा
सब ठीक ही कह रहे है। एक ने लाया, एक ने जलाया और एक नए बनाया। कभी कभी सब की बातें
सही होता है और तब फैसला करने वाले के ऊपर जिम्मदारी बढ़ जाता है। क्योंकि अगर उसने
एक का पक्ष लिया तो बाकी लोग नाराज़ हो जाएंगे, फिर चाहे उसमे कोई तर्क हो या ना हो,
लोग तो पहले अपने ही बारे में सोचते है। इसलिए ज्यादातर लोग
जिसमें ज्यादा फायदा हो उसी का साथ देते है। लेकिन कमल फस गया। राजू भी उसका अच्छा
दोस्त और अजय भी। इसलिए कमल ने उस छोटे से leg piece का तीन टुकड़ा किया और बाँट लिया। राजू और अजय ने उस leg
piece को बड़े मजे से खाया। शायद उन दोनों
ने यह उम्मीद नहीं किया था कि कमल उन्हें leg piece देगा। लेकिन जब नही मिलने वाला चीज़ थोड़ा बवाल करने के बाद मिल
गया तो वह लोग उसी में खुश थे। दूसरी तरफ कमल दुखी था। क्योंकि उसे मेहनत के बाद भी
सोचा हुआ इनाम नहीं मिला। उसे थाली में रखे leg piece के छोटे से टुकड़े को देख कर यह खयाल आया कि वे तीनों
स्वार्थी जानवर थे जो leg piece को देखकर झगड़ने लगे थे लेकिन उन में इंसानियत भी था क्योंकि
उन्होंने खून खराबा नही किया और इंसानो की तरह उस छोटे से टुकड़े को मिलबांट कर खाया।
यह सोचकर कमल ने खाना शुरू किया और मैंने कहानी खत्म।
॥ समाप्त ॥