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मौत का द्वीप | भाग 5


…..विकास समझ जाता है कि यह खून सिपाहियों के है, वह सारे सिपाही शायद मारे जा चुके हैं। विकास पीछे मोड़कर देखता है उसे मगरामछो की सेना दिखाई देता है जो तेज़ से उन दोनों का शिकार करने के लिए आगे बढ़ रहे थे। विकास समझ जाता है कि अगर साहिल उसके साथ रहा तो साहिल भी मगरमछ का शिकार बन जायेगा। इसलिए विकास साहिल को एकेले आगे जाने कहता है लेकिन साहिल राजी नहीं होता।

मौत का द्वीप | भाग 5

मौत का द्वीप भाग 5


साहिल: मैं तुम्भे अकेले छोड़कर नहीं जाऊंगा। मरेंगे तो साथ मरेंगे।

विकास: तुम मेंरे लिए अपनी जिंदगी दाव में मात लगाओ। मेरा एक पैर टूट छुका है। में तेज़ी से दौड़ नहीं पाऊंगा। लेकिन तुम दौड़ सकते हो। तुम जाओ।

साहिल: नहीं। में एकेले नहीं जाऊंगा।

विकास: पागल मत बनो साहिल। ज़ीवन मे हमें कभी कभी कड़े फेसले लेने पड़ते हैं। आज मैंने वह फेसला ले लिया हैं, अब तुम्हे लेना हैं। तुम जाओ। तुम्हारा परिवाल तुम्हारा इंतेज़ार कर रहा हैं।

साहिल: और तुम्हारा? तुम्हारा माँ, तुम्हारी पत्नी, तुम्हारे बच्चे? उनका क्या? वे भी तो तुम्हारा इंतेज़ार कर रहे है। 

विकास: मैंने कहाँ न जीवन मे कभी कभी हमें कड़े फेसले लेने पड़ते है। मैरे माँ को कहना उसने एक वीर संतान को जन्म दिया था, मैरे पत्नी से कहना वह एक वीर की पत्नी थी और मैरे बेटे से कहना उसका बाप भी एक वीर योद्धा था। मैरे परिवाल से कहना इस जन्म में बहुत कर्ज रह गया अगले जन्म में छुकता कर दूंगा। 

यह कहकर विकास अपने गले से रुद्राक्ष का माला निकाल कर साहिल के गले मे देते हुए कहता है, "मैरे हिंदुस्तानी दोस्त साहिल से कहना यह रुद्राक्ष की माला हमारे दोस्ती की निशानी हैं। इसे संभाल कर रखने के लिए।"

दोनों के आखों से आंसू निकालते है। साहिल अपने हाथ मे रखे मशाल को विकास को दे कर निकल जाता है। विकास मगरामछों की सेना की ओर देखकर कहता हैं, "मरना तो एक दिन सबकों हैं। लेकिन इतनी जल्दी मौत से हार मान जाए यह एक हिंदुस्तानी की पहचान नहीं।" यह कहकर विकास जंगल मे आग लगा देता हैं।

साहिल तेज़ी से helicopter के नजदीक जाता है। helicopter के नजदीक पहुँचते ही उसे पीछे किसी चीज की आवाज सुनाई देती है। वह पीछे मुड़कर देखता है। commander विलियम रेंगते हुए साहिल के नजदीक आ रहा हैं। विलियम के शरीर का आधा हिस्सा नहीं था। उस आधे हिस्से को चाबाते हुए एक मगरमछ निकल कर आता है। साहिल डर जाता है। वह अपने सारो तरफ देखता है। उसे commander विलियम का बंदूक दिखाई देता है। साहिल बन्दूक लेने आगे बढ़ता ही है कि ताभि वह मगरमछ साहिल के आगे आ जाता है।

मगरमछ साहिल से ज्यादा ताकतवर था लेकिन साहिल यह भी जनता था कि भगवान ने इंसानों को एक ऐसा हथियार दिया है जो हथियार मगरमछ के पास नहीं हैं और वह हथियार है दिमाग। मगरमछ ताकत के जरिये साहिल का शिकार करना चाहता था और साहिल दिमाग के जरिए मगरमछ से बचने और बंदूक लेने की कोशिश करता हैं। दोनों के बीच एक बहुत ही रोमांचक लड़ाई होता है और अंत मे साहिल को बंदूक मिल जाता है। साहिल मगरमछ के आँखों मे देखकर उसके ऊपर गोलियों की बौछार कर देता है। उन गोलियों से मौत के द्वीप की जमीन खून से लाल हो जाता है। 

इधर विकास पेड़ो के सहारे आगे बढ़ता जाता है लेकिन आगे पेड़ भी खत्म हो जाता है। विकास को कोई रास्ता नजर नहीं आता। वह उन भूखे मगरामछों को देखता है जो उसका शिकार करने के लिए बेताब था। वह मगरमछ पेड़ो के नीचें विकास का इंतेज़ार कर रहा था। मगरमछ उस पेड़ को दांतों से तोड़ने लगे। लेकिन अचानक सारे मगरमछ शांत हो जाते है। विकास को समझ नहीं आता वे सारे क्यों शांत हो गए ताभि आगे आते हुए मौत को देखकर उसे सब समझ आ जाता हैं। 

वह हैवान मगरमछ धीरे धीरे विकास की तरफ बढ़ रहा था। अपनी मौत को आते देख विकास बिल्कुल भी नहीं डरता बल्कि वह हस्ते हुए चीख चीख कर कहता है, “देख मैरे अंदर का डर खत्म हो छुका है क्योंकि में समझ छुका हु की यह द्वीप भी इंसानो की बस्ती जैसा ही हैं; जहाँ हर कोई एक दूसरे का शिकार करने के लिए बेताब रहता है। अपने लालच को पूरा करने के लिए दूसरों को तकलीफ देता है; दूसरों का खून चुसता है। तुम मगरमछ तो ऐसे जानवर हो जिसे सही या गलत का ज्ञान नहीं रहता लेकिन हम इंसान ऐसे जानवर है जिसे सभी ज्ञान रहते हुए भी अपने लालच और स्वार्थ पर काबू नहीं कर पाते। हम इंसान तो तुम से भी ज्यादा भयानक और निर्दय है तो तुम से में क्यों डरु।" यह कहकर विकास जोड़ जोड़ से हस्ता है। मगरमछ धीरे धीरे विकास की तरफ बढ़ता है। लेकिन ताभि विकास को उस विशाल मगरमछ के पीछे से एक हेलीकाप्टर आते हुए दिखता है। helicopter तेज़ी से विकास की तरफ बढ़ता है। उसे देख वह मगरमछ भी तेजी से दौड़ने लगता है। साहिल विकास के पास पहुँचते ही नीचे रस्सी फेंक देता है। विकास पेड़ो से छलांग मरता है, साथ मे वह मगरमछ भी अपना विशाल मुँह खोलकर विकास की तरफ छलांग मरता है। समय जैसे रुक सा गया था। विकास के पीछे मौत था और आगे जीवन, लेकिन जीत आखिर में नए रोशनी की हुई। 

विकास रस्सी के सहारे साहिल के पास आता है। साहिल उसे देख कहता है,

साहिल: एक हिंदुस्तानी के होते हुए दूसरे हिंदुस्तानी को शिकार करे, यह असंभव है। क्यों?

विकास: (मुस्कुराकर कहता है) बिल्कुल। अब हमें headquater जाना हुगा। 

साहिल: क्यों?

विकास: report करने। नहीं उन्हें मालूम कैसे चलेगा कि सारे सिपाही मारे जा चुके है। सारे सिपाहियों को मगरमछ ने शिकार कर लिया है।

साहिल: मालूम चल गया है।

विकास: मालूम चल गया? कैसे?

साहिल: जहाँ यह helicopter था वहाँ मुझे एक redio सिग्नल दिखा। मैंने ख़बर कर दिया कि सारे सिपाही मारे जा चुके है और में भी मारने वाला हूँ। शायद आपको हमारी लाश भी न मिले। यह कहकर मैंने चीखते हुए सिग्नल काट दिया। 

विकास: लेकिन क्यों?

साहिल: पीछे का बक्शा खोलकर देखों सब मालूम चल जाएगा।

विकास पीछे रखे बक्शे को खोलता है। बक्शा सोने से भड़ा हुआ था। उसे देख विकास मुस्कुराता है।

साहिल: अब बोलों। भगवान ने हमें मेहनत का फल दिया है। शायद यह अंग्रेज यह सोना अपने घर ले जा रहे थे। रास्ते में मौसम खराब हुआ होगा और उन लोगों ने helicopter को मौत के इस द्वीप में लेंड कर दिया और मगरमछ का शिकार बन गया। 

विकास: लेकिन अब हम जाएंगे कहा। हमे तो अपने परिवार के पास जाना होगा।

साहिल: सब होगा। जेब में पैसा है तो सब मुमकिन है। फिक्र छोड़ो एक आजाद जीवन का मजा लो और गर्व से कहो

विकास और साहिल: भारत माता की जय।

इसके के बाद दोनों ने स्वतंत्रता आंदोलन में हिस्सा लिया। दोनों देश की आजादी के लिए लड़े और एक दिन भारत माँ के लिए ब्रिटिश की गोली से दोनों शहीद भी हो गए। विकास असम में और साहिल लाहौर में शहीद हुआ। लेकिन मौत के समय उन दोनों के आखों से एक बून्द आशु भी नहीं गिरे थे।  क्योकि वे लोग समझ रहे थे की एक दिन ब्रिटिश देश छोड़कर चाले जायेंगे और देश के लोग मिलजोल कर इस देश को तरक्की की नई उचाई में ले जायेंगे लेकिन ब्रिटिश तो देश छोड़कर चले गए पर उनका दूसरा सपना शायद अभी भी मौत के द्वीप से निकल नहीं पा रहा हैं।

मौत का द्वीप

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