…विकास अपने डर को नियंत्रण करने की कोशिश
करता है और कहता है, "डरो मत। डर ने से कुछ नहीं होगा। हम यहाँ सुरक्षित हैं। बस
हमे अब रास्ता ढूंढना हैं। यह सुरंग हमें बचने का रास्ता दिखायेगा।"
मौत का द्वीप | भाग 4
विकास अपने डर को नियंत्रण करने की कोशिश करता है और कहता
है,
"डरो मत। डर ने से कुछ नहीं होगा।
हम यहाँ सुरक्षित हैं। बस हमे अब रास्ता ढूंढना हैं। यह सुरंग हमें बचने का रास्ता
दिखायेगा।"
सैनिक 1: यहां तो सारो तरफ अंधेरा है। जाएंगे कैसे?
ताभि एक सैनिक माँसालो में आग लगता है। सारों तरफ रोशनी हो
जाता हैं। वे लोग धीरे धीरे आगे बढ़ते जाते हैं।
यह दुनिया विचित्र रहस्यों से भड़ा हुआ है। आज यह सैनिक तो
बस उन रहस्यों
में से एक साधारण से रहस्य का सामना कर रहा हैं। साहिल और बाकी सैनिक सुरंग के
रास्ते आगे बढ़ते जाते हैं। सारो तरफ कंकाल पड़े हुए थे। सुरंग के ऊपर की तरफ कही
कही लोहे के जंजीर थे जिसके सहारे भी आगे बढ़ा जा सकता था। commander
विलियम कहता हैं, "हमे बड़े साबधानी से आगे बढ़ना होगा। यहां कंकाल पड़े हुए हैं
मतलब यह जगह भी खतरे से खाली नहीं हैं। हमे चौकन्ना रहना होगा। जरूरत पड़ने पर ऊपर
के जंजीर के जरिये भी हम आगे बढ़ सकते हैं।"
कमांडर विलियम की बातें सुनकर सभी आगे बढ़ते हैं। उस सुरंग
में कई रास्ते थे। किसी को समझ नहीं आ रहा था कि किस रास्ते जाया जाए। सभी सोच समझ
कर रास्ता छुंते और आगे बढ़ते। इतने में उन लोगों को आगे पानी से भड़ा हुआ रास्ता
दिखा। सभी पहले पानी मे जाने से इनकार करते हैं। लेकिन कंमाडर विलियम आगे बढ़ने को
कहता हैं। सबसे पहले साहिल आगे बढ़ता हैं। सुरंग में जब भी आगे बढ़ना होता था कमांडर
विलियम साहिल को ही आगे बढ़ाता। इसलिए साहिल मन ही मन सोचता की ग्रुप में वहीं एक
भारतीय है इसीलिए उसे बलि का बकरा बना रहा हैं।
विलियम के निर्देश पर साहिल आगे बढ़ता हैं। शुरु में उस पानी
में सब ठीक ही रहता हैं। सभी सैनिक पानी के रास्ते आगे बढ़ते हैं। साभी बहुत डरे
हुए थे इसीलिए सभी के लिए समय जैसे रुक सा गया था। साभी बहुत साबधानी से आगे बढ़
रहे थे। इतने में साहिल को एक हल्का सा आवाज सुनाई देता है। वह रुक जाता है। उसे
देख सभी रुक जाते है। साभी आगे की तरफ बंदूके तानते है। लेकिन उन्हें मालूम नहीं
था कि मौत तो पीछे से आ रहा था। अचानक एक सैनिक पीछे मुड़ता है। उसे पानी मे कुछ
आते हुए दिखता है। वह उसके ऊपर गोलियां चालाने लगता है। उसे देख सभी गोलियां
चालाते है। उन गोलियों से मगरमछ मर जाता है लेकिन ताभि उन्हें दूसरी तरफ से भी कई
मगरमछ आते हुए दिखता है। साभी भागने लगते हैं। लेकिन उन सैनिको में इतना शक्ति
नहीं था कि वे मगरमछ से तेज़ भाग सके। सभी सैनिक एक एक कर मगरमछ का शिकार बन जाते
है: बस जाते है तो सिर्फ कमांडर और साहिल। ताभि साहिल को एक रास्ता दिखता है। उस
रास्ते मे पानी नहीं था। साहिल उस रास्ते जाने लगता है कि ताभि वह पीछे मुड़ कर
देखता है कि commander के रास्ते एक मगरमछ आ गया है। कमांडर की गोलियां खत्म हो गया था। commander
लाचार हो छुका था लेकिन साहिल लाचार नहीं था। वह उस मगरमछ
को गोलियों से ख़त्म कर देता है। कमांडर और साहिल उस रास्ते निकाल जाता है।
यहां विकास माँसालो के रोशनी के सहारे आगे बढ़ता है। उन
लोगों को जो भी रास्ता दिखता सोच समझ कर उसी रास्ते आगे बढ़ता। विकास को आगे एक
दरवाजा दिखता है। विकास दरवाजे के नजदीक पहुँचता है। दरवाजे में एक सुरंग था जिसके
सहारे बाहर देखा जा सकता था। विकास कै उस सुरंग से दूर में एक helicopter
दिखाई देता हैं। ताभि अचानक उसे साहिल की शिख और गोलियों की
आवाज सुनाई देता हैं।
विलियम साहिल से कुछ गोलियां ले कर आगे बढ़ता हैं। दोनों
तेज़ी से आगे बढ़ते है। उनके पीछे भूखे मगरमछ है। साहिल को बाहर निकरने का रास्ता
दिखता हैं। दोनो उस रास्ते दौड़ते है लेकिन अचानक साहिल गिर जाता हैं। कमांडर पीछे
मुड़कर देखता हैं। commander साहिल को बचाना चाहता था लेकिन वह इतना डरा हुआ था कि आगे
जाने का हिम्मत नहीं हुआ। commander दरवाजा खोलकर बाहर निकल जाता हैं। साहिल उन मगरमछ के ऊपर
चिल्लाते हुए गोलियों का बौछार कर देता हैं लेकिन एक समय बात साहिल की भी गोलियां
खत्म हो जाता हैं लेकिन साहिल हिम्मत नहीं हारता वह दीवार से खींचकर मसाला हाथ मे
लेता हैं।
साहिल की आवाज सुनकर विकास साहिल के पास जाने खोजता हैं
लेकिन साथी सिपाही राजी नहीं होते। वे लोग बहुत डारे हुए थे वे लोग मौत की मुँह
में जाना नहीं चाहते थे। उन लोगों ने विकास को भी जाने से मना किया। लेकिन विकास नहीं
माना और साहिल को अकेले बचाने चल दिया।
साहिल जानता था कि वह उन मगरामछो को ज्यादा देर नहीं रोक
सकेगा लेकिन साहिल था तो एक हिंदुस्तानी। आखिरी सांस तक लड़ने का जज्बा तो एक
हिंदुस्तानी का पहचान है। वह लड़ता रहा। मगमछो को मसाल से डरता रहा। लेकिन वे मगरमछ
भी जैसे साहिल का शिकार करने के लिए उत्छुक था। साहिल धीरे धीरे कमजोर पड़ने लगा।
ताभि उसे अपने दाहिने तरफ के रास्ते से एक सैनिक दौड़ते हुए आते दिखा। अंधेरे को
चिढ़ते हुए मौत के मुंह से अपने दोस्त को बचाने के लिए उसका दोस्त आया था। उन भूखे
मगरमछ के ऊपर विकास गोलियों का बौछार कर देता हैं। विकास की गोलियां मौत बनते हुए
उन मगरमछ को चिढ़ कर रख दिया। एक एक कर मगरमछ विकास का शिकार बनता गया। लेकिन अचानक
विकास की गोलियां खत्म हो जाता हैं। साहिल विकास को commander
जाने वाले रास्ते चलने को कहता है लेकिन विकास साहिल को आगे
एक helicopter
होने का बात कहता है। वह helicopter चलाने लायक है कि नहीं वह किसी को नहीं मालूम, लेकिन उन
दोनों के पास और कोई उपाय नहीं था। दोनों तेज़ी से दौड़ने लगे। दोनों दरवाजे के
नजदीक पहुँचते ही है कि ताभि विकास को एक मगरमछ अपने मुँह में जकड़ लेता हैं। विकास
का पाओ मगरमछ के मुँह में था। साहिल विकास के जेब से शराब का bottle
निकाल कर मगरमछ के ऊपर फेक देता है और उस में आग लगा देता
हैं। मगरमछ जलने लगता हैं। विकास का एक पैर पूरी तरीके से टूट छुका था लेकिन उसका
पैर बना उसका दोस्त साहिल। दोनों बाहर निकल कर दरवाजा बन कर देता हैं। साहिल विकास
का सहारा बनते हुए तेज़ी से Helicopter
के नजदीक जाने लगते हैं। लेकिन ताभि विकास को नीचे सारों
तरफ खून ही खून दिखाई देता हैं। विकास समझ जाता है कि यह खून सिपाहियों के है,
वह सारे सिपाही शायद मारे जा चुके हैं। विकास पीछे मोड़कर
देखता है उसे मगरामछो की सेना दिखाई देता है जो तेज़ से उन दोनों का शिकार करने के
लिए आगे बढ़ रहे थे। विकास समझ जाता है कि अगर साहिल उसके साथ रहा तो साहिल भी
मगरमछ का शिकार बन जायेगा। इसलिए विकास साहिल
को एकेले आगे जाने कहता है लेकिन साहिल राजी नहीं होता।
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मौत का द्वीप