भिखारी | Short Story in Hindi
गणेशगुरी में बॉस में चढ़ कर जालुकबारी में उतार ने वाले
नगेन के चेहरे पर एक मुस्कान था। 15 रुपये बचाने का मुस्कान। मतलब conductor, उससे किराया लेना भूल गया और उसने भी नही दिया। मौका मिलने
से उसका फायदा उठाने वाले को लोगों को समाझदार कहते है भले ही उस फायदे से किसी को
नुकसान हो या नाहो। यह सोचकर नगेन ने चलना शुरू किया। लेकिन तभी उसके आँखों के सामने
एक भिखारी आ गया। उसका बाएं आँख खराब था। बहुत गरीब था। उसे देखकर नगेन को बहुत
खराब लगा। उस भिखारी ने नगेन से पैसे मांगे। तब नगेन ने उदास चेहरा बनाकर गर्दन
हिलाया। वह भिखारी वहां से चला गया। नगेन को बहुत खराब लग रहा था। वह सोच रहा था
उस गरीब भूखे प्यासे भिखारी को 2 तीन रुपये दे देना चाहिए था। मेरा भी तो आज 15
रुपये का फायदा हुआ
है। इसलिए वह उस भिखारी को पांच रुपये देने का फैसला करता है । लेकिन वह भिखारी
चला गया था। पर नगेन हिम्मत हारने वालों में से नही था। उसने चारों तरफ भिखारी को
खोजा और अंत मे उसे वह गरीब भूखा प्यासा भिखारी दिख गया। लेकिन जैसे ही नगेन उस
भिखारी के नजदीक पहुँचा वह हैरान हो गया। क्योंकि वह भूखा प्यासा भिखारी खा रहा था
chicken
tandoori with fried rich । सामने एक मोटा पैसे से भड़ा हुआ बेग भी पड़ा हुआ था। नगेन
को बड़ा गुस्सा आया लेकिन सबसे ज्यादा गुस्सा तो तब आया जब उसने भिखारी के आखों को
देखा क्योंकि इस बार उसका बाएं नहीं दाएं आँख खराब था। भिखारी ने जैसे ही नगेन को
देखा वह तुरंत उठकर भगा जैसे चूहा बिल्ली को देखकर भागता है। नगेन पीछे भगा लेकिन
भिखारी भागने में बहुत तेज़ था। नगेन ने हार मान लिया और रुक गया। उसने भिखारी को
गाली देते हुए कहा, "दुसरो का नुकसान पहुँचा कर मौका मिलने से फ़ाएदा उठाने वाले
लोग शैतान होते है। एक नंबर का शैतान भिखारी।" यह कहकर नगेन पीछे मुड़ा और
देखा एक कुत्ता पड़े हुए chicken के टुकड़े को चाट रहा है और सामने एक आदमी पड़े हुए fried
rich को खा रहा है। तभी
नगेन को सामने खड़े एक गाड़ी के आईने में अपना चेहरा दिखा।
मैंने conductor का पैसा मारा, भिखारी ने मेरा पैसा मारने का कोशिश किया और यही दूसरों के पैसे और हक मारने वाले सोच के कारण यह लोग बहुत ही गरीबी जिंदेगों जी रहे है। जब तक हम अपनी सोच नही सुधारेंगे यह समाज नही सुधरेगा।
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समाप्त
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