Ads are here which will you like

Muslim population in Assam 1931 to 2011

असम में विभिन्न सम्प्रदायी, जाति जनजाति के लोग निवास करते आ रहे हैं। उन निवासियों में एक सम्प्रदायी हैं मुसलमान; जिन्होंने असम में एक अलग पहचान बनाया हैं। असम में असमिया मुसलमान के अलावा भी कई जातियों के मुसलमान निवास करते हैं। 2011 के जनगणना की बात करे तो असम में कुल मुसलमान जनंसख्या में से 26.49% (28,29,102) असमीया मुसलमान, बंगाली मुसलमान करीब 56% - 57% (प्रायः 59,78,704) और अन्य प्रायः 17.52% (प्रायः 18,71,539) निवास कर रहे हैं। चलिए असम में मुसलमान संप्रदायों के जनसंख्या के ऊपर के नजर डालते हैं।


Muslim population in Assam 1931 to 2011


Table 1 (Muslin population in Assam)

Note: 1981 में अशांत परिवेश के कारण असम में जनगणना नहीं हो पाया।

Table 1 के अनुसार असम में 1931 में 23.01% मुसलमान निवास करते थे। यानी 1931 से 2011 तक 8.35 गुणा और 1971 से 2011 तक 2.97 गुणा मुसलमान जनसंख्या में बढ़ोतरी हुई हैं। अगर 1991 के मुसलमान आबादी 38.66 मान लिया जाय तो 2011 तक मुसलमान जनसंख्या के बृद्धि अनुपात थोड़ी गिरवाट नजर आता है।

2011 के जनगणना के अनुसार असम में 27 जिलों में से कुल 14 जिलों में मुसलमान आवादी 28% से ज्यादा है और कुल 9 जिलों में तो यह आबादी तो 50% से भी ज्यादा है। इनमें से तो बरपेटा में 70.74%, धुबूरी में 69.67%, दरंग में 64.34%, हाइलाकंदी में 60.31%, ग्वालपाड़ा में 57.52%, करीमगंज में 56.36%, नागाओं में 55.36% मुसलमान रहते है। लेकिन अगर 2001 की जनगणना की बात करे तो इन जनसंख्या मे काफी अंतर देखने को मिलता हैं।

Table 2

हिन्दू जनसंख्या  के ऊपर एक नजर


असम वर्तमान एक हिन्दू प्रधान राज्य है। इसीलिए हिन्दुओ की संख्या ज्यादा होना स्वाभाविक हैं। लेकिन जैसे कि मुसलमानों का अनुपात बढ़ रहा है यानी दूसरे सम्प्रदायों के विशेष कर हिन्दुओ का अनुपात घट रहा है।

Table 3 (Hindu Population in Assam)
Table 3 के अनुसार असम में 1961 के मुक़ाबले 2011 तक हिन्दुओ की संख्या में 2.43 गुणा बढ़ोतरी हुआ है। एक तथ्य में पाया गया था कि 1931 में असम में 71.34% हिन्दू रहते थे लेकिन यह अनुपात 1941 में घट कर 48.13 रह गया था। भारत आजाद होने के बाद धर्म के नाम पर अखंड भारत को दो खण्ड कर दिया गया। जिसके वाजे से असम मे लाखों शरणार्थियों का प्रवेश हुआ था। इन शरणार्थियों में अधिकांश हिन्दू थे। लेकिन इसके बाद भी असम में बांग्लादेश से शरणार्थियों का प्रवेश होता आ रहा है। जिसके फलस्वरूप असम के भाषा संस्कृति में इसका एक खरब असर देखने को मिलता है। 

हिन्दू और मुसलमान जनसंख्या कि तुलना करने पर देखा जा सकता है की 1971 से 2011 तक मुसलमान जनसंख्या 9.65% बढ़ोतरी के विपरीत हिन्दुओ कि जनसंख्या 11.04% की कमी हुई है। इसका कारण हो सकता है,

1) मुसलमानों की भारी मात्रा में असम में प्रवेश
2) अन्य के तुलना में मुसलमानों की बंश की ज्यादा बृद्धि
3) धर्म परिवर्तन
4) दूसरे धर्मों का असम छोड़कर जाना

कारण चाहे कोई भी हो असम की एक नई छवि उभर कर आ रहा है। लेकिन जब बांग्लादेश के जनसंख्या में नजर दिया जाय तो असम की एक अलग ही छवि नजर में आएगा।

Table 4 (Bangladesh population)

बांग्लादेश एक इस्लामिक देश है इसलिए वहां मुसलमानों की जनसंख्या का अनुपात बढ़ना को हैरानी की बात नहीं है। लेकिन यही बढ़ोतरी अगर असम में देखा जाय तो यह थोड़ा हैरान करता है। 1974 से 2011 तक बांग्लादेश की जनसंख्या में 4.99% की बढ़ोतरी के बिपरीत असम में 9.65% में मुसलमान जनसंख्या बढ़ते आ रहा है। वही बांग्लादेश में 1974 से 2011 तक हिन्दुओ का अनुपात 5.20% के कमी के विपरीत असम में 11.04% में कमी देखा गया है। यानी जो आंकड़ा बांग्लादेश में होना चाहिए था वहीं आंकड़ा असम में देखा जा रहा है।

अंत में कुछ बातें


जनसंख्या बढ़ना कोई हैरानी की बात नहीं, हैरानी की बात तो यह है कि जब वह बढ़ता जनसंख्या किसी राज्य या देश की स्वरूप ही बदलने कि राह पर हो। इसी बढ़ते जनसंख्या के कारण भी 1947 में असम को बांग्लादेश के हाथों कि सौंपने का फैसला किया गया था। लेकिन गोपीनाथ बरदोलोई जी और महात्मा गांधी जी के कारण ही असम भारत का अभिन्न अंग बन पाया।

असम में जिस भी कारण से किसी भी सम्प्रदायी के बाहरी लोगों का जनसंख्या क्यों न बढ़े यह असम के भाषा संस्कृति में अपना प्रभाब तो डालेगा ही। लेकिन महत्यपूर्ण बात यह भी है कि कोनसे जनसंख्या के बढ़ने से असम में कोन सा प्रभाब पड़ेगा। यहां यह बात गोर करने वाली है कि सिर्फ अनुप्रवेश रोकने से ही असम में बाहरी मूल के लोगों का जनसंख्या कम नहीं हो जाएगा। एक उदाहरण से इसे समझा जा सकता है। मान लीजिए  क नामक जनता का संख्या 70 है जिसमें 35 दम्पति है और वहां ख नामक जनता का 30 लोग प्रवेश करते है जिसमे 15 दम्पति हैं। तो मुठ जनसंख्या हुआ 100 और अनुपात हुआ क 70 और ख 30 । कुछ साल बाद जब जनगणना किया गया तो पाया गया कि क जनसंख्या 105 हुआ तब देखा गया कि 35 दम्पति ने 35 बच्चे जन्म दिए और दूसरी तरफ ख जनसंख्या 30 से 75 हुआ तब देखा गया कि 15 दम्पतियों ने 45 बच्चे जन्म दिए। अब कुल जनसंख्या हुआ 180 और अनुपात हुआ क 58 और ख 42। अभी अगर सिर्फ अनुप्रवेश में रोक लगाने से भी एक समय बाद एक विपरीत छवि देखने को मिलेगा।

जानकारी प्राप्त: 



Related Posts

More than one instance of Sumo is attempting to start on this page. Please check that you are only loading Sumo once per page.