About Dhanteras in hindi- धनतेरस के संबंध में कुछ बातें
धनतेरस है खुशियों का त्यौहार
धनतेरस है परिवार में शांति का त्यौहार,
त्यौहार हैं यह चिकित्सा की उन्नति का
त्यौहार है यह व्यवसाय की उन्नति का,
जो उन्नति लता हैं देश में तरक्की
जो बनाता हैं देश को समृद्धिशाली
कब होगा मनाया जाता हैं
धनतेरस?
कार्तिक त्रयोदशी के दिन धनतेरस का पालन किया जाता हैं। इसी दिन से दीपावली त्योहार शुरुवात हो जाता हैं जो अगले पांच दिनों तक चलता हैं। इस साल यानी 2019 में यह धनतेरस अंग्रेजी October महीने के 25, तारीख को होगा।
देवताओं के चिकित्सक भगवान
धन्वन्तरि के संबंध में कुछ बातें
इसी दिन को यानी कार्तिक मास में कृष्ण पक्ष के त्रयोदशी के दिन ही भगवान धन्वन्तरि प्रकट हुए थे। इस दिन को धनत्रयोदशी भी कहा जाता हैं। समुद्र मंथन के समय भगवान धन्वंतरि प्रकट हुए थे। प्रकट होते समय उनके एक हाथ मे अमृत से भाड़ा हुआ कलश था। भगवान धन्वन्तरि देवताओ के चिकित्सक हैं। इसीलिए उन्हें चिकित्सको के देवता कहा जाता हैं। भारत सरकार ने इसी धनतेरस के दिन राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस मनाने का फैसला किया। जिसे पहली बार 28 अक्टूबर
2016 को मनाया गया था।
यम और कार्तिक कृष्ण पक्ष त्रयोदशी के संबंध में कुछ बातें
लोक कथा के अनुसार एक राजा के पुत्र थे "हेम"। लेकिन हेम की कुंडली में ज्योतिषीओ एक दोष देखा कि, हेम के शादी के ठीक चार दिन बाद हेम को मृत्यु प्राप्त होगा। यह जानकर राजा अपने बेटे की शादी करवाना नही चाहता था। लेकिन होनी को तो कुछ और ही मंजूर था। हेम का विवाह हुआ और विधि के अनुसार विवाह के ठीक चार दिन बाद यमदूत हेम के प्राण लेने आये। जब यमदूत हेम के प्राण चीन रहे थे तब हेम की पत्नी के विलाप ने उनलोगों के कठोर मन को पिघला दिया था। लेकिन वे यमदूत थे। वह अपने कार्यों से पीछे नही हट सकते थे। इसीलिए विधि के अनुसार उनलोगों ने अपना काम किया। इसके पश्चात एक यमदुत ने यमराज से अकाल मृत्यु से बचने का उपाई जानने की इच्छा प्रकट की। तब यमराज ने कहा जो व्यक्ति कार्तिक कृष्ण पक्ष के त्रयोदशी के दिन मेरे नाम से पूजन कर दक्षिण दिशा की ओर दिया जलाता हैं वह व्यक्ति अकाल मृत्यु के बंधन से मुक्त हो जाता हैं। यही कारण हैं कि लोग इस दिन दक्षिण दिशा की और दिया जलाकर यमराज को प्रसन्न करते हैं।
धनतेरस के दिन सामग्री खरीदने की प्रथा
मान्यता हैं कि इस दिन कोई भी सामान खरीदने से उसमे तेरह गुणा की व्रिधि होती हैं। इस दिन को वर्तन खरीद ने का भी प्रचलन हैं। क्योंकि भगवान धन्वन्तरि जब प्रकट हुए थे उनके हाथ में कलश था। इसीलिये लोग इस दिन में कलश खरीद की इच्छा रखते हैं। साथ ही कलश भंडार को भी दर्शाता हैं।
इसा नही हैं कि धनतेरस के दिन लोग सिर्फ कलश ही खरीदते हैं। खरीदारी के लिए यह दिन बहुत ही सुभ माना गया हैं। ऐसे में लोग इस दिन को कई मूल्यवान समान की खरीदारी भी करते हैं। इसमे सोने-चांदी सबसे प्रमुख हैं। इस दिन सोने कि
खारिदारी बहुत बढ़ जाता हैं। जो व्यापारियों के साथ साथ देश के लिए भी अच्छा हैं।
सोने, चांदी के अलावा भी लोग कई Electronic समान के साथ साथ अच्छे अच्छे कपड़े भी खरीदना पसंद करते हैं। इसे में दुकानों में ग्रहोको की भीड़ लग जाता हैं। इसीलिए कुछ ग्राहक इससे बचने के लिए Online Market का सहारा लेते हैं। अभी के समय में Online market ज्यादातर ग्रहोको की पहली पसंद बंटी जा रही हैं। लोग घर में बैठे ही कुछ Click के माध्यम से सामान खरीद सकते हैं। Online Market मैं समान खरीदने के लिए Line लगाना नही पड़ता हैं, बच Internet Pack
और टावर full होना चाहिए।
धनतेरस से अर्थव्यवस्था पर असर
बाजार अच्छा चलने से देश की अर्थव्यवस्था भी बहुत मज़बूद होती हैं। और धनतेरस के दिन तो पूरा देश खरीदारी में लग जाता हैं। इसीलिए इस दिन को देश की अर्थव्यवस्था में काफी उछाल देखने को मिलता हैं। Share Market कितना भी Slow Down चल रहा हो लेकिन धनतेरस के दिन Share Market में काफी उछाल देखने को मिलता हैं। अर्थव्यवस्था के दृष्टिकोन से यह देश के लिए बहुत ही अच्छा हैं।
अंत में कुछ बातें
धनतेरस में धन का का मतलब सिर्फ पैसा नही हैं। एक आदमी और औरत का सबसे बड़ा धन होता हैं उसका अपना परिवार। धनतेरस के दिन लोग यह सोच कर घरों में समान खारीद कर लाते हैं की उन्होने भगवान धन्वन्तरि को साथ लाया हैं। जो घरके लोगो का ख्याल रखेंगें। विमारिओ को दूर भगाएंगे। परिवार के लोग मिलजुल कर स्याम में मृतु के देवता को दिया ज्वालाकर सन्मान देते हैं ताकि उनके परिवार के किसी भी सदस्य को अकाल मृत्यु न हो। यह एक परंपरा हैं जिसे छूकर या देखकर नही वल्कि आँखे बंधकर महसूस किया जा सकता हैं।
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।। मेरा लेख पढ़ने के लिए धन्यवाद ।।